Oil, gas and mining

How Houthis attack on US Fighter Jets? | Red Sea crisis.



The Houthi rebels in Yemen have disrupted global shipping in the Red Sea, leading to major container shipping companies rerouting their vessels around Africa instead of using the Suez Canal. The Houthis, supported by Iran, have been attacking ships and US-allied warships, escalating tensions in the region. The conflict is linked to the broader Israel-Hamas war, with the Houthis claiming solidarity with Hamas. The disruption is causing a significant economic impact, with increased travel times and costs for shipping companies. Western governments have formed a task force to protect shipping, but the situation remains volatile, with uncertain outcomes. This highlights how a small rebel group can significantly impact the global economy through a mix of geography, technology, and geopolitics.

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Source:- https://www.pexels.com/

Chapters:
00:00 Intro
01:30 Who are Houthi’s
03:25 Globalizing the conflict
07:56 Fighting back

[संगीत] 19 नवंबर के बाद से होती रेवल्स लगातार रेड सी में कमर्शियल व्हीकल्स पर ड्रोन और मिसाइल से हमला कर रहे हैं और कुछ वेसल्स को तो सीज भी कर लिया है और तीस यह कह रहे हैं कि यह सब वो जो रेड सी में कर रहे हैं

वह हमास के सपोर्ट में कर रहे हैं जो इजराइल के खिलाफ गाज में लड़ रहे हैं इस कंफ्लेक्स का एक ही मेन गोल है व है ग्लोबल इकोनॉमी को इफेक्ट करना ताकि वह इससे इंटरनेशनल कम्युनिटी पर प्रेशर लगा सके और इंटरनेशनल कम्युनिटी इजराइल को गाज

में बंबा मेंट करने से रोक ले और हुती के इस टंट का असर दिख रहा है क्योंकि रिसेंटली ही यूएस ने अपने सबसे बड़े ोने चाइना से रिक्वेस्ट की है कि वह इस सिचुएशन को लेकर ईरान से बात करें और इजराइल हमास का वार जो पिछले तीन महीने से

चल रहा है अब इसका इंपैक्ट सिर्फ दो कंट्रीज पर नहीं रहा यह पूरे मिडिल ईस्ट में फैल चुका है और ग्लोबली भी इसका असर नजर आ रहा है इसके रिस्पांस में वल्ड की बड़ी कंटेनर शिपिंग कंपनी जैसे डेनमार्क की मस जर्मनी की हेपा क्लाइड और चाइना की

कोस्को ने भी रेड सी के थ्रू जाने वाली सभी शिपमेंट्स बंद कर दी है इसके अलावा यूके बेस जाइंट ऑयल कंपनी बीपी ने भी अपनी तमाम शिपमेंट्स बंद कर दी हैं जहां इस रूट से हर दिन तकरीबन 7 मिलियन बैरल ऑयल ट्रांसपोर्ट होता था लेकिन ड सी में टेंशन

बढ़ने की वजह से बहुत सी कंपनीज ने अपना प्राइमरी रूट चेंज कर दिया है और दूसरा रूट अपनाया है जो इससे बहुत ज्यादा लंबा है होती मिलिट्री ग्रुप जिसका असली नाम अंसारुल्लाह है लेकिन इस ग्रुप को इसके फाउंडर हुसैन अल हुती के नाम से जाना जाता

है इस ग्रुप को 90स में माइनॉरिटी शिया मुस्लिम कम्युनिटी जैदी के कुछ मेंबर्स ने बनाया था इनिशियली यह एक कल्चरल रिवाइवल मूवमेंट था जैदी कम्युनिटी का उस टाइम के सूदी बेग गवर्नमेंट के खिलाफ क्योंकि व शिया जैदी कम्युनिटी के कल्चर और रिलीजियस हेरिटेज को सप्रे कर रहे थे इसके बाद से

ती रेबल 2010 तक यमनी गवर्नमेंट के साथ रिवॉल्ट करते रहे और 2011 में अरब स्प्रिंग रिवोल्यूशन के दौरान यमनी पॉपुलेशन ने मास प्रोटेस्ट करने शुरू कर दिए और उस टाइम के प्रेसिडेंट अली अब्दुल सालेह को रिजाइन करने पर मजबूर कर दिया जो पिछले 30 सालों से इस कंट्री पर रूल कर

रहा था सालेह के रेजिग्नेशन के बाद मंसूर हादी यमन के नए लीडर बन गए जिसको सऊदी गवर्नमेंट बे कर रही थी और 2014 में अली अब्दुल सालेह ने हुती के साथ एलायंस बनाया और हुस को यमन के कैपिटल साना को कैप्चर करने में मदद की और अभी भी यह तीस के

कंट्रोल में है लेकिन इंटरनेशनल कम्युनिटी ने अभी तक इसको यमन की लेजिटीमेट गवर्नमेंट डिक्लेयर नहीं किया है तीस के जस्ट पावर में आने के बाद ही यमन में सिविल वार शुरू होता है और सऊदी बे गवर्नमेंट के साथ कंफ्लेक्स से तीस के रिलेशन ईरान के साथ क्लोज होने लगते हैं

और ईरान इन्हें सब्सटेंशियल फंडिंग और वेपंस प्रोवाइड करता है यूएन के मुताबिक इस सिविल वार में तकरीबन 4 लाख लोग मर चुके हैं जिनमें से ज्यादातर माल न्यूट्रिशन अनसेफ वाटर और पुर मेडिकल सर्विस की वजह से मर गए हैं यह सिविल वार अप्रैल 2022 को जाकर खत्म होता है जब यूएन

होती और सदी बे गवर्नमेंट को सीज फायर डील करवाने में कामयाब होती है करली ती यमन की न थ टेरिटरी और 70 पर पॉपुलेशन को कंट्रोल करता है तिस की आइडियो जीी अफेयर्स को लेकर हमेशा से क्लियर थी इनका ऑफिशियल स्लोगन इनकी आइडियो जीी को पूरी तरीके से क्लियर करता [संगीत]

है कुछ एक्सपर्ट्स का तो यह भी कहना है कि हुती रबल्स को ईरान की डायरेक्ट प्रोक्सी कहना सही नहीं है तिस के रिलेशंस ईरान के साथ बहुत अच्छे हैं और ईरान इनको सपोर्ट भी करता है लेकिन इनके अपने डिफाइन इंटरेस्ट भी हैं जो पिछले दो महीनों से

पूरी तरह रिफ्लेक्ट हो रहे हैं लेकिन बाहर की दुनिया यह सोचती रह गई कि यह सिर्फ यमन की गवर्नमेंट के लिए खतरा है और पॉलिसी मेकर्स ने भी तीज के इंटरनेशनल गोल को अंडर एस्टिमेटर सेन के हमले के बाद इजराइल लगातार गाज पर हमला कर रहा है और इसमें

ईरान के प्रॉक्सी ग्रुप जैसे लेबन में हिज्बुल्लाह इराक में हशद शबी और सीरिया में अल असद रेजीम लगातार इजराइल और यूएस मिलिट्री बेस पर अटैक कर रहे हैं और रिसेंटली ही सीरिया बॉर्डर के करीब नॉर्थ ईस्ट जॉर्डन में एरियल ड्रोन अटैक में तीन अमेरिकन सर्विस में मेंबर्स मर गए हैं और

कुछ जख्मी भी हुए हैं लेकिन ईरान गवर्नमेंट ने यह क्लियर कर दिया था कि वह इस वॉर में डायरेक्टली इंटरवू नहीं करेंगे इन सभी ग्रुप्स में से हमास का साथ देने के लिए तीज पूरी तरह से इस कंफ्लेक्स के बाद से तीज इसराइल पर लगातार मिसाइल और

ड्रोन हमले कर रहे हैं जो इनसे तकरीबन 2200 किमी दूर है इससे पहले तीस ने सऊदी और यूएई पर भी ड्रोन और मिसाइल्स अटैक किए हैं लेकिन इजराइल और यूएस नेवल शिप्स जो रेड सी में में हैं उनके अगेंस्ट मिसाइल लॉन्च करने के बाद तीस की कैपेबिलिटी पूरी

तरह से दुनिया के सामने आई है और तीस ने अपना पहला मेजर अटैक 19 नवंबर को किया था जब इन्होंने एक कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को हाज कर लिया था जो टर्की से इंडिया जा रहा था हुती ने इस शिप पर हेलीकॉप्टर के जरिए अपने स्पेशल फोर्स को शिप के डेक पर

ट्रांसपोर्ट किया था और शिप के क्रू को बंदी बनाकर शिप को वापस तीज कंट्रोल पोर्ट ऑफ हुदेद ले गए जो वेस्टर्न यमन में पड़ता है इसके बाद से होती 100 से ज्यादा मिसाइल और ड्रोन हमले कर चुके हैं और 12 से ज्यादा कमर्शियल वेसल्स पर हमला कर चुके हैं जिनका कनेक्शन डायरेक्टली या

इनडायरेक्टली इसराइल के साथ है इस सब का ग्लोबल ट्रेड में बहुत ज्यादा असर हो रहा है एनली जहां रेड सी से 1700 से ज्यादा शिप्स पास करती थी लेकिन रेड सी में टेंशन बढ़ने की वजह से बहुत सारी शिपिंग कंपनीज ने अपने रूट चेंज कर दिए हैं और वहीं इस

रूट से जाने वाली सभी शिप्स का इंश्योरेंस प्रीमियम भी बहुत ज्यादा बढ़ गया है तकरीबन 12 पर ग्लोबल ट्रेट और 10 पर मैरिटाइम ऑयल ट्रेड रेड सी से होकर जाता है इस वाटर बॉडी को दो इंपॉर्टेंट चौक पॉइंट्स डिफाइन करते हैं नॉर्थ में इजिप्शियन स्वीस कनाल और साउथ में बाबल

मंप स्ट्रेट जिसे गेट ऑफ टियर्स भी कहा जाता है जो यमन और जबू के बीच पाया जाता है यह दुनिया का सेकंड मोस्ट डेंसली यूज ट्रेड रूट है जिसमें किसी भी तरह की डिसर पशन ग्लोबली पूरे सप्लाई चेन को इफेक्ट कर सकती है रिसेंटली ही 2021 में स्विस कनाल

में एक कंटेनर शिप एवरग्रीन के फसने की वजह से यह रोड एक हफ्ते के लिए बंद हुआ था जिसमें स्विस कनाल अथॉरिटी ने इस कंपनी से 1 बिलियन डॉलर का कंपनसेशन फीज मांगा था लेकिन करंट सिचुएशन के हिसाब से तो यह प्राइमरी शिपिंग रूट बहुत टाइम के लिए डिस्टर्ब रहेगा जिसके बहुत सीरियस

कंसीक्वेंसेस हो सकते हैं इजिप्ट जैसी कंट्रीज पर तो इसका डायरेक्ट असर पड़ेगा जो एवली स्विस कनाल ट्रांजिट फी से लगभग 9 बिलियन डॉलर अन करती है और रिसेंटली दूसरी यूरोपियन कंट्रीज मिडिल ईस्ट से अपना ऑयल और नेचरल गैस शिप्स पर ट्रांसपोर्ट करने पर जोर दे रही थी ताकि वह रशियन पाइपलाइंस

पर अपनी डिपेंडेंसी कम कर सके और वहीं रशिया अपने ऑयल एक्सपोर्ट्स इंडिया चाइना और दूसरी एशियन मार्केट्स में इंक्रीज कर रहा था जिसमें ज्यादातर ऑयल कमर्शियल शिप्स रेड स के ू ले जाते हैं और जब से यूके बेस जॉइंट ऑयल शिपिंग कंपनी ब बीपी ने अपने नेचरल गैस की शिपमेंट रेड सी से

सस्पेंड कर दी है यूएस में नेचरल गैसेस की प्राइस 7 पर तक बढ़ चुकी है और अर्ली दिसंबर के बाद से रेड सी के थ्रू जाने वाली कंटेनर शिपिंग की प्राइस भी 1773 पर बढ़ गई है ऑलरेडी शिपिंग इंडस्ट्री कोविड पडेम के बाद से लेस मैफ और नॉर्मल

कंज्यूमर डिमांड की वजह से एक टफ टाइम फेस कर रही है और इसके ऊपर यह करंट सिचुएशन चीजों को और खराब कर रही है और ग्लोबली बावल मंप स्टेट एक लता ग्लोबल शिपिंग चौक पॉइंट नहीं है जो स्ट्रेस में है ड्रॉट्स की वजह से पनामा कनाल भी अपनी कैपेसिटी बहुत रिड्यूस कर चुका

है ग्लोबली शिपिंग कंपनीज लगातार वेस्टर्न वर्ल्ड पर दबाव डाल रही है कि वह तीस के अगेंस्ट एक्शन ले और रिसेंटली ही 12 जनवरी को यूएस और इसके एलाइज ने हुती के नॉर्थ वेस्ट प्रोविंस पर अटैक किया था जिसमें हुती मिलिट्री साइट्स को टारगेट किया था जहां से हुती रेवल्स रेड सी में कमर्शियल

वेसल्स पर मिसाइल अटैक कर रहे थे यूनाइटेड किंगडम के साथ ऑस्ट्रेलिया बेहरेन कनाडा और नेदर जैंड ने भी इस अटैक में उनका साथ दिया है लेकिन इनका रोल अभी तक क्लियर नहीं है और तीस क्लेम करते हैं कि इस अटैक में इनके पांच मिलिट्री पर्सन मर गए हैं

और छह जख्मी हैं इसके बाद भी तीस लगातार इजराइल ओन वेसल्स और यूएस नेवल शिप्स को टारगेट कर रहे हैं यूएस और इसके अलाइज तीस और इसके सपोर्टर ईरान के साथ फुल फ्लशड वार नहीं चाहते और वही होती इसके कंसीक्वेंसेस जानने के बावजूद भी रेड सी

में इस टेंशन को जारी रख रहे हैं क्योंकि इससे वह बहुत कुछ गेन कर सकते हैं यूएस का तीस के अगेंस्ट ये एक्शन और फ्यूचर में कोई भी और एक्शन हुती को ग्लोबल स्टेज पर आगे ले जाएगा और इनकी लेजिटिमेसी और प्रेस्टीज को और बढ़ाएगा जॉन अल्टरमैन जो

मिडिल ईस्ट प्रोग्राम में सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के डायरेक्टर हैं वो कहते हैं कि तीज रेड स में जो भी एक्शन ले रहे हैं वो अपनी मर्जी से ले रहे हैं ना कि ईरान के कहने पर इसमें तीज का मेन टारगेट ग्लोबल इकोनॉमी

है क्योंकि अगर व रेड सी पर सिचुएशन को इसी तरह बनाए रखेंगे तो शिपिंग कंपनीज अपना प्राइमरी रूट डायवर्ट करेंगी दूसरा रूट अपनाए गी जो इससे बहुत ज्यादा लंबा है जिसकी वजह से प्रोडक्ट्स रॉ मैटेरियल्स और एनर्जी सोर्स और एक्सपेंसिव हो जाएंगे जिससे ग्लोबल इंफ्लेशन और बढ़ेगा इसमें

ईरान और हुती यह उम्मीद कर रहे हैं कि ग्लोबल इकोनॉमी पर इस अटैक की वजह से ग्लोबल ओनर्स इजराइल पर प्रेशर डालेंगे कि वह जो गाज में वॉर चल रहा है उसे रोक दें तीस यह भी क्लेम करते हैं कि अगर इजराइल यह वर खत्म करता है तो वह भी रेड सी में

अटैक करना बंद कर देंगे लेकिन इजराइल की गवर्नमेंट और इसके पीएम बेंजामिन नेतनयाहू रिपीटेडली यह कह रहे हैं कि किसी भी इंटरनेशनल प्रेशर के बावजूद भी वह हमास के अगेंस्ट वार नहीं रोकेंगे वह तब तक इस वार को जारी रखेंगे जब तक हमास एज ए ऑर्गेनाइजेशन और गवर्नमेंट गाज से

कंपलीटली डिस्मेंटल और डिस्ट्रॉय नहीं हो जाती और नेतनयाहू ने अर्ली जनवरी 2024 में यह भी कहा था कि इजराइल और पूरी दुनिया को यह एक्सेप्ट करना पड़ेगा कि यह एक लंबी जंग होगी

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